
वासुकी ताल | केदारनाथ धाम | उत्तराखंड
आज इस लेख के माध्यम से में आपको उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित वासुकी ताल के बारे में बताऊंगा। वासुकी ताल कहां स्थित है? किस प्रकार आपको यहां पर जाना है और इसकी दूरी कितनी है यह सब में आज इस लेख के माध्यम से आपको बताऊंगा।
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वासुकी ताल कहाँ स्थित है? | vasuki tal location | vasuki tal height
वासुकी ताल उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में समुद्र तल से 14,200 फीट की प्रभावशाली ऊंचाई पर स्थित एक उच्च हिमनद झील है। कोई भी ब्रह्मकमल और हिमालयी फूलों को झील के चारों ओर खिलते हुए देख कर उसकी आभा दिव्य हो जाती है।
केदारनाथ से वासुकी ताल की दूरी | vasuki tal distance from kedarnath
वासुकी ताल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के केदारनाथ मंदिर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह ताल ट्रैकिंग की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है यहां पर कई सारे लोग जो ट्रैकिंग के इच्छुक या जो ट्रैकिंग करना पसंद करते हैं यहां पर जाते हैं यह ट्रैकिंग मध्यम रूप की कठिन ट्रैकिंग है लेकिन उतनी भी कठिन नहीं है।
वासुकी ताल कैसे पहुँचें? | how to Reach vasuki taal
ऋषिकेश से सबसे पहले आपको श्रीनगर रुद्रप्रयाग गुप्तकाशी होते हुए गौरीकुंड पहुंचना है गौरीकुंड ताकि केदारनाथ के लिए अंतिम रोड है यही था कि आप गाड़ी बस या बाइक से सफर कर सकते हैं इसके बाद आगे का सफर आपको पैदल तय करना होता है ऋषिकेश से गौरीकुंड की दूरी 208 किलोमीटर है और रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी करीब 90 किलोमीटर है तो ऋषिकेश से गौरीकुंड तक आपको कुल 208 किलोमीटर की यात्रा गाड़ी या बस से तय करनी है। यहां के लिए आपको बस पकड़नी है तो आप रुद्रप्रयाग या गुप्तकाशी की बस ऋषिकेश या हरिद्वार से पकड़ सकते हैं।
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अगर ऋषिकेश हरिद्वार से आपको कर्णप्रयाग गया गोपेश्वर वाली बस भी मिलती है तो आप रुद्रप्रयाग तक इसमें आ सकते हैं उसके बाद आपको वहां से फिर गौरीकुंड के लिए गाड़ी बदलनी पड़ेगी।
गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर की यात्रा | vasuki tal trek from kedarnath
केदारनाथ पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग होते हुए गौरीकुंड पहुंचना है। अब गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 20 किलोमीटर की दूरी आपको पैदल करनी होती है। आप चाहे तो घोड़े खच्चर की मदद से भी केदारनाथ तक आ सकते हैं।
एक दिन आपको केदारनाथ में रुकना पड़ता है अगली सुबह आप केदारनाथ के दर्शन करके भैरव मंदिर के दर्शन करने के लिए निकल जाएंगे जो कि मंदिर से 1 किलोमीटर की चढ़ाई पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि अगर केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद भैरव मंदिर के दर्शन नहीं किए तो आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी इसके बाद आप वासुकी ताल ट्रेकिंग के लिए निकल जाएंगे।
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वासुकी ताल का तापमान? | vasuki tal temperature
यहां का तापमान गर्मियों में 15 डिग्री से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस तक होता है। यहां पर आपको गाइड के साथ जाना पड़ेगा और इस बात का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा कि यहां पर सिर्फ गर्मियों के महीनों में ही आप ट्रैकिंग कर सकते हैं क्योंकि सर्दियों में यहां पर बहुत ज्यादा मात्रा में बर्फबारी होती है जिस कारण यहां पर सर्दियों में बंद रहता है। यहां पर आप बरसाती महीनों में ही जा सकते हैं जैसे मई से लेकर अक्टूबर तक बरसाती महीनों में आपको यहां पर सुंदर से ब्रह्मकमल के फूल भी न देखने को मिलेंगे जो कि उत्तराखंड क्या राज्य पुष्प है।
ट्रैकिंग के दौरान अगर अत्यधिक कोहरा है तो आपको अपनी ट्रैकिंग वहीं पर रोक देनी है क्योंकि अत्यधिक कोहरे के दौरान आप मार्ग भटक सकते हैं। इसलिए कोशिश यह करें कि जिस दिन यहां तो धूप है उसी दिन ट्रैकिंग करें या तो जिस दिन कोहरा ना हो उसी दिन ही ट्रैकिंग करें कोहरे के समय में आप ऊपर ट्रैकिंग ना ही करें तो आपके लिए ही बेहतर रहेगा
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