इंटरनेट को कंट्रोल कौन करता है?
इंटरनेट – नमस्कार दोस्तों ! क्या आपने कभी सोचा है की इंटरनेट को चलाता कौन है? कौन पूरी दुनिया भर के इंटरनेट को कंट्रोल कर के रखता है? शायद आपके मन में आएगा कि इंटरनेट प्रोवाइड करने वाली कंपनी जैसे कि, जिओ एयरटेल हो गया बीएसएनएल हो गया ये सब करती होंगी, लेकिन ये चीज सच नहीं है क्यूंकि अगर एक कंपनी ने बंद कर दिया तो दूसरी कॉम्पनी मौजूद है यहां पर।
फिर आप सोचोगे की सरकार कंट्रोल करती होगी लेकिन, ये चीज भी सही नहीं है सरकार ज्यादा से ज्यादा 2-3 facebook पोस्ट हटा सकती है। वेबसाईट ब्लॉक कर सकती है लेकिन उन्हें Buypass आसानी से किया जा सकता है और इससे पूरी दुनियाभर के इंटरनेट पर कोई ज्यादा कंट्रोल नहीं आएगा।
अब आप सोचोगे कि गूगल, फेसबुक, यूट्यूब जैसी कंपनियां कंट्रोल करके रखती हैं क्योंकि, इनके पास सबसे ज्यादा डाटा होता है। लेकिन यह चीज भी सच नहीं है। क्योंकि अगर आप खुद की वेबसाइट बनाते हो तो, यह कंपनियां उस में इंटरफेयर नहीं कर सकती हैं क्योंकि, जब आप अपनी वेबसाइट बना रहे हो कौन आपको जगह दे रहा है यहां पर वेबसाईट बनाने के लिए, कोई अथॉरिटी जो यह बता दें कि आप यह वेबसाइट बना सकते हो, यह नहीं बना सकते हो। आज हम आपको इसकी जानकारी विस्तृत में देने वाले हैं।

चाइना में गूगल फ़ेसबुक हैं ब्लॉक –
पूरी दुनिया में इंटरनेट फ्रीडम और डेमोक्रेसी के लिए एक इंपॉर्टेंट टूल है। चाइना जैसी कंट्री जो अपने सिटीजन को कंपलीटली ब्लॉक ऑफ करके रखती हैं अपने सिटीजन को कुछ वेबसाइट से। कुछ वेबसाइट जैसे कि गूगल, फेसबुक वहां पर परमानेंटली ब्लॉक हैं क्योंकि चाइनीस गवर्नमेंट ब्रेनवाश करना चाहती है, एक तरह से अपने सिटीजंस का। इसीलिए दोस्तों इंटरनेट क्या है और यह कैसे काम करता है जो समझना काफी जरूरी है और यह मैं आपको इस लेख के माध्यम से बताने की कोशिश करूंगा।
इन्हें भी पढ़ें:- एज कंप्यूटिंग (Edge Computing)in hindi?
डोमेन नेम क्या होता है?
www.youtube.com यह एक यूआरएल है एक लिंक है। इसमें दोस्तों जो youtube है उसे कहेंगे डोमेन नेम और जो .com है उसे कहेंगे टॉप लेवल डोमेन। अगर आपको अपनी वेबसाइट बनानी है तो, डोमेन नेम खरीदना पड़ता है और कुछ ऐसी वेबसाइट हैं जो डोमेन नेम को बेचने का काम करती हैं। जैसे Go daddy.com। Go daddy.com पर आप जाएंगे अगर आपको अपनी वेबसाइट के लिए एक बढ़िया सा डोमेन चाहिए तो। आपको go daddy.com वेबसाइट पर जाकर डोमेन खरीदना होगा। लेकिन अब सवाल यह है कि go daddy.com को यह हक दिया किसने, डोमेन खरीदने और बेचने का। कोई तो होगा जिसने कहा होगा कि go daddy.com यह काम करेगा अगर किसी ने नहीं कहा तो यह एक तरह से इंटरनेट का बॉस बन गया कि कौन वेबसाइट बनाएगा और कौन नहीं बनाएगा लेकिन ऐसा नहीं है।

यह भी पढ़ें : kaise samudra ke andar bichti hain internet cable?
ICANN (Internet Corporation for Assigned Names and Numbers) अथॉरिटी क्या है?

दोस्तों इसके ऊपर एक और अथॉरिटी है। उस अथॉरिटी का नाम है आई सी ए एन एन (ICANN) इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर एसाइंड नेम एंड नंबर्स। यह एक Non-profit ऑर्गेनाइजेशन है जो लॉस एंजलिस (Los Angeles) में बेस्ट है।
इन्हें भी पढ़ें:- पीएम किसान सम्मान निधि | pm kissan samman nidhi e-kyc process
इसे आप कह सकते हो टॉप लेवल अथॉरिटी इंटरनेट को लेकर । इसके पास पावर है कि यह go daddy.com जैसी वेबसाईट को हक दे की डोमेन बेचने और खरीदने का। यही अथॉरिटी निर्धारित करती है कि कौन सी वेबसाइट डोमेन नेम को बेच सकती है और कौन नहीं। यह टॉप अथॉरिटी डिसाइड करती है कि कौन से डोमेन नेम हो सकते हैं .com हो सकता है, .in हो सकता है .info हो सकता है और, .gov जो की, गवर्नमेंट की साइड होती है। यह सब यही अथॉरिटी (ICANN) डिसाइड करती है।
रजिस्ट्रीज और रजिस्ट्रार क्या होते हैं?
हालांकि यह Non-profit ऑर्गेनाइजेशन है, जो टॉप लेवल डोमेन को बेचती है बाकी कंपनी को बीडींग करके। जिन कंपनी को यह बेचती उन्हें रजिस्ट्रीज कहेंगे। आई कैन की वेबसाइट पर जाकर आप देख सकते हो कि अलग-अलग टॉप लेवल के डोमेन किस-किस कंपनी ने खरीद रखे हैं। जैसे कि .AAA है, इसे अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन ने इसे खरीदा है।
रजिस्ट्रीज के नीचे आते हैं रजिस्ट्रार। गोडैडी जैसी कॉम्पनीस जो टॉप लेवल डोमेन प्लस डोमेन नेम लोगों को बेच सकते हैं। तो क्या ICANN यहां पर पूरे इंटरनेट का भगवान है क्या? ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि, जो इंटरनेट है वह एक डी-सेंट्रलाइज नेटवर्क है। इसे आप एक नेट यानी की जाल की तरह समझो। जो कंप्यूटर या मोबाइल इंटरनेट से कनेक्ट है वह इंटरनेट को बनाता है उसे सरवर कह सकते हो आप।
इन्हें भी पढ़ें:- Network kitne type ke hote hai
इंटरनेट बनता कैसे है?
आपके मोबाइल फोन को आपके कंप्यूटर को कोई भी डाटा सेंटर है हर एक, कोई सरवर है जो, एक दूसरे से वायर से कनेक्टेड है। पूरी दुनिया में समुद्र के अंदर बड़ी-बड़ी इंटरनेट केबल बिछाई गई है जो दुनिया भर के सारे कंप्यूटर्स को एक दूसरे से कनेक्ट करती हैं, जिससे इंटरनेट बनता है।
अब आप सोचोगे कि मेरा मोबाइल फोन किसी केबेल से कनेक्ट है ही नहीं तो, उस पर कैसे इंटरनेट चल जाता है? मोबाइल फोन मोबाइल टावर के साथ चलता है जो, 3G, 4G और इसकी कोई ज्यादा रेंज नहीं होती है। अगर आप उस मोबाइल टावर के पास हैं तभी आपके फोन पर 3G, 4G का सिग्नल आता है। लेकिन अगर आप मोबाइल टावर से हट जाते हैं तो, आपके मोबाइल पर 3G 4G सिगनल नहीं आएगा। क्योंकि, जो मोबाइल फोन का टावर है वह केबल से कनेक्टेड होता है, वो उस वायर से कनेक्ट है जो पूरी दुनिया भर की केबल से कनेक्ट है।
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर क्या होते हैं?
internet service provider –

आप इसे गूगल पर मैप में इमेज की मदद से देख सकते हैं की कैसे एक वायर मुंबई तक आई और वहां से वह अलग-अलग जगहों के लिए डिस्ट्रीब्यूट हो गई। जिससे कि देश भर के अलग-अलग एरिया में इंटरनेट पहुंचा। तो एक तरफ से आप कह सकते हैं जिस कंपनी ने समुद्र में यह केवल बिछाई होंगी उसके पास काफी सिग्निफिकेंट पावर है जो इंटरनेट को जगह-जगह तक पहुंचा रहे हैं।
इन्हें भी पढ़ें:- e shram card registration kaise kare
दूसरा आप कह सकते हैं जो कंपनी जमीन पर वायरबिछाकर आपके घर घर तक इंटरनेट वायर पहुंचाते हैं उस केबिल से कनेक्ट कर रही हैं आपके कंप्यूटर को पूरे दुनिया से जोड़ रही हैं। इनके पास भी काफी सिग्निफिकेंट पावर है। इन्हें कहते हैं इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर। ये हो गए आपके एयरटेल, जिओ, बीएसएनएल जो आपके घर-घर तक इंटरनेट पहुंचा रहे हैं और हां वाकई में इनके पास सिग्निफिकेंट पावर है क्योंकि, गवर्नमेंट के कहने पर यह ISPs कुछ वेबसाईट को ब्लॉक करा सकते हैं अगर गवर्नमेंट कहती है तो। लेकिन इतनी भी पावर नहीं है इनके पास कि यह बहुत सारी चीजें कंट्रोल कर पाएं क्यूंकि, VPN लगाके आप ISPs की ब्लॉकेज को ओवरकेम कर सकते हो।
IP एड्रैस (IP Address) क्या होता है?

जैसे हर मोबाइल फोन का एक मोबाइल नंबर होता है जिससे आप दूसरे नंबर पर कॉल लगा सकते हो, ऐसे ही हर डिवाइस जो इंटरनेट से कनेक्टेड है उसका एक आईपी एड्रेस होता है। चाहे वह आपका कंप्यूटर हो, चाहे वह आपका मोबाइल फोन या कोई भी और सरवर हो जो, इंटरनेट से कनेक्टेड है उसका एक आईपी एड्रेस होता है। हर वेबसाइट का भी एक आईपी एड्रेस होता है।
जैसे की आप फोन को किसी नंबर पर लगाते हो तो, किसी और फोन पर कॉल जाती है, जिससे आप बात कर सकते हो। ऐसे ही दोस्तों जब आप अपने ब्राउज़र में एक आईपी एड्रेस लिखते हो तो किसी और सरवर पे वह जाता है जहां कि सर्वर की वेबसाइट आपको अपने कंप्यूटर पर दिख जाए।
इन्हें भी पढ़ें:- 5G क्या है? | 5G इंटरनेट पर आने के फायदे?
डोमेन नेम सर्वर (DNS) क्या होता है?

अब आप सोचोगे कि आप तो डोमेन नेम लिखते हो आईपी एड्रेस नहीं लिखते हो, तो डोमेन नेम आईपी ऐड्रेस से कनेक्टेड होता है क्योंकि, ip-Address इंसान नहीं पढ़ सकते क्योंकि, वह डिजिट्स और नंबर में लिखे होते हैं। तो डोमेन नेम एक ह्यूमन रीडेबल फॉर्म है IP एड्रैस का। जब आप किसी ब्राउज़र में किसी वेबसाइट का डोमेन नेम लिखते हो तो उस डोमेन नेम को आईपी एड्रेस में कन्वर्ट करने वाली चीज होती है डोमेन नेम सर्वर यानी डीएनएस (DNS)। अब कई बार इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर क्या करते हैं DNS से किसी वेबसाइट को ब्लॉक कर देते हैं।
की आप कोई डोमेन नेम लिखो तो उस आईपी एड्रैस से लिंक ही ना कर पाए। तो इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर को जो DNS है वह आपको ब्लॉक कर रहा है। कोई वेबसाईट पे जाने से इसके लिए सिंपली पब्लिक DNS युस कर सकते हो। जैसे गूगल का DNS होता है 8.8.8.8। आप अपने मोबाईल फोन की सेटिंग में जाके अपना DNS चेंज कर दो, अपने में जाके अपना DNS चेंज कर दो और गूगल का यूस करने लग जाओ।
इन्हें भी पढ़ें:- Software kya hai? Or yah Kaise kaam Karta Hai?
यह भी पढ़ें : Optical Fiber Cable kya hota hai?
Recommended-
-
ई-श्रम कार्ड क्या है? | ई श्रम कार्ड की कुछ महवपूर्ण लिंक?
-
Aadhar card pdf download Kaise kare?
-
सिलिकॉन पदार्थ क्या होता है? सिलिकॉन कितने प्रकार के होते हैं?
-
uidai E-Learning Portal 2022
-
Pradhan Mantri Kusum Yojana (PMKY) 2022
-
yahoo vs google? dono mai kon behtar hai samajhaie?
-
Optical Fiber Cable kya hota hai?
-
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) क्या है? What is IOT in hindi?