E-Dukaan –
हेलो दोस्तों कैसे हैं? आज के इस लेख में, में आपको E-Dukaan के बारे में बताने वाला हूं। यह क्या है और किस प्रकार आपको इसके लिए आवेदन करना है या इससे जुड़ना है। दोस्तों जैसा कि आप सबको पता है आज कल का जमाना बहुत ही डिजिटल हो चुका है चाहे वह कोई गरीब परिवार हो या मध्यम वर्ग का परिवार हो, वह भी आज के समय में अमेजॉन फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान खरीदने में सक्षम है।
यह इसी बात का सबूत है कि समाज एक डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर बहुत ही तेजी से बढ़ गया है। लोग घर बैठे जब मर्जी कहीं से भी ऑनलाइन सामान पसंद कर सकते हैं और खरीद सकते हैं। यह ई-कॉमर्स की वजह से ही सफल हो पाया है।
एक जमाना वह भी था जब मीलों दूर पैदल चलकर बाजार से सामान पैदल चल कर लाना पड़ता था। आज समय बहुत ही डिजिटल हो गया है। आप घर बैठे ही बड़े आराम से ही ई-कॉमर्स की वजह से आसानी से सामान घर बैठे-बैठे खरीद सकते हैं।
इसके लिए आपको चंद ही कुछ मिनट लगते होंगे अपने सामान को बुक करने के लिए या खरीदने के लिए बस इसमें आपको अपना डिलीवरी एड्रेस और पिन कोड, नाम वगैरह सामान्य से जानकारी डालनी होती है और मोबाइल नंबर डालना होता है। सामान खुद ब खुद आपके घर पर ही बड़ी आसानी से पहुंच जाता है और सामान में किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर आप उसे ऑनलाइन ही वापस भी कर सकते हैं या बदल कर दूसरा भी मंगा सकते हैं। यह सब संभव हो पाया है ई-कॉमर्स की दुनिया से।
E-Dukaan kya hai?
आखिर क्यों पड़ी इस E-Dukaan की जरूरत?आखिर क्या है इसका मकसद?तो आइए जानते हैं?
सरकार ने छोटे दुकानदारों को मध्य नजर रखते हुए यह E-Dukaan प्लेटफार्म को शुरू करने का प्रयास किया है,जिससे कि मध्यम और छोटे तबके के दुकानदार भी आज के युग में डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ सकें। इसके लिए सरकार को इस E-Dukaan प्लेटफार्म का एक ऑप्शन नजर आया। जिससे कि यह संभव हो सकता है। ई-कॉमर्स में अभी तक अमेजॉन फ्लिपकार्ट जैसी कई बड़ी कंपनियों का दबदबा बना हुआ है। इसी दबदबे को चुनौती देने के लिए सरकार ने एक नई पहल जिसका नाम E-Dukaan ONDC का शुभारंभ किया है। अभी फिलहाल इसे पायलट बेसिस पर शुरू कर दिया गया है।
ONDC क्या है?
देश के ई-कॉमर्स मार्केट में अभी तक अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील इन बड़ी-बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट का दबदबा है। इन प्लेटफार्म के जो छोटे-मोटे दुकानदार हैं इनके साथ भेदभाव करने के कई मामलों के बाद सरकार ने इनके लिए एक नई तरह की ई-कॉमर्स प्लेटफार्म की शुरुआत की है।
यह प्लेटफार्म अभी शुरुआत में पायलट बेसिस पर शुरू की गई इस योजना को धीरे-धीरे करके भारत सरकार इस प्लेटफार्म को पूरे भारत में शुरू करेगी। अभी हाल में यह सिर्फ भारत के 5 शहरों में ही शुरु हुआ है। धीरे-धीरे करके यह पूरे देश में जल्दी ही फैल जाएगा क्योंकि, यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिसको फैलने में ज्यादा देर नहीं लगेगी।
ONDC भी यूपीआई की तरह ही एक ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म की तरह ही है। भारत सरकार ने यह जो नया ई-कॉमर्स प्लेटफार्म तैयार किया है जिसका पूरा नाम “ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स ” है। यह डिजिटल पेमेंट करने के लिए तैयार किए गए यूपीआई टाइप प्रोटोकॉल की तरह ही है। जैसा कि आपको अभी ऊपर लेख में बताया कि यह अभी पांच ही शहरों में शुरू किया गया है।
इस बारे में उद्योग और वाणिज्य मंत्री श्रीमान पीयूष गोयल ने कहा यूपीआई के बाद वाणिज्य के क्षेत्र में लोकतांत्रिकरण का एक और मजबूत गेम चेंजर करने का यह एक बेहतरीन आईडिया है। ONDC मंच अपने ग्राहकों को लॉजिस्टिक और सेलर प्रोवाइडर्स चुनने की खुली छूट या कहें कि आजादी प्रदान करेगा। पारदर्शिता (Transparency) और सुविधा की नई दुनिया के लिए यह एक नया स्वरूप होगा।
ONDC से जुड़े यह शहर –
वाणिज्य मंत्रालय के आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग में सचिव पद पर नियुक्त श्री अनिल अग्रवाल जी ने जानकारी दी है कि यह अभी फिलहाल – दिल्ली एनसीआर, कोयंबटूर, शिलांग, बेंगलुरु, भोपाल इन पांच शहरों में इस ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को पायलट बेसिस पर शुरू कर दिया गया है।
अभी तक फिलहाल 150 रिटेलर्स, 5 शहरों के ONDC से जुड़ चुके हैं। अब हमें देखना यह है कि यह कैसा काम करता है? आप वास्तव में पेमेंट, ऑर्डर तथा ऑर्डर कैंसिल और डिलीवरी सही तरीके से सारी चीजें काम कर रही हैं कि नहीं। हमारे पास अच्छी खासी मात्रा में ट्रेडर्स और रिटेलर्स क्या मौजूद हैं? इन्हें इस प्लेटफार्म के साथ किस तरह से इंटीग्रेट किया जाएगा? वही इस लॉजिस्टिक पार्टनर्स को भी इस प्लेटफार्म के साथ जोड़ा जाएगा।
ONDC इस तरह करेगा कार्य –
आखिर सरकार को इस ई-कॉमर्स प्लेटफार्म की क्यों पड़ी जरूरत आइए जानते हैं?
दर्शन दरअसल सरकार को इस प्लेटफार्म को बनाने का खयाल कोरोना महामारी के दौरान आया था इस इकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर दिसंबर माह वर्ष 2021 में ही काम शुरू हो गया था। इस दौरान सरकार को कई लोगों तक आवश्यक जरूरत की वस्तुओं को पहुंचाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। इसी वजह से सरकार को इस तरह के ओपन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने का विचार मन में आया।
इस प्लेटफार्म के कारण देश में उन लाखों-करोड़ों छोटे दुकानदारों को लाभ पहुंचेगा जो आज के इस डिजिटल दुनिया में अभी तक भी ई-कॉमर्स इको-सिस्टम से नहीं जुड़ पाए हैं। इस ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का मुख्य उद्देश्य यही है कि छोटे मोटे दुकानदारों को भी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से जोड़ना, ताकि वह भी इस प्लेटफार्म का लाभ लेकर अच्छा खासा पैसा कमा सकें और अपना बिजनेस बढ़ाने में सक्षम हो सकें।
इसके क्या होंगे फायदे आइये जानते हैं?
असल में इसमें एक तरह की रजिस्ट्री होगी। जिसमें छोटे से छोटा दुकानदार खुद को इस पर रजिस्टर करेगा। इसके बाद यह ई-कॉमर्स सेगमेंट में मानकीकरण लाने वाला होगा। इसके बाद इसका फायदा यह होगा कि, जब किसी रिटेलर को डिजिटल ऑनलाइन मार्केट में सामान को बेचने के लिए खुद के अलग-अलग ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर अलग-अलग रजिस्टर नहीं कराना होगा।
ऐसे में अगर किसी ग्राहक को कुछ खरीदना है तो, वह अपने इलाके में इस ओपन रजिस्ट्री की मदद से रजिस्टर रिटेलर को चेक कर सकता है तथा ग्राहक को एक अन्य फायदा यह भी होगा कि वह अपने ऑर्डर को अलग-अलग करके भी मंगा सकता है तथा खुद से डिलीवरी के ऑप्शन को भी चुन सकता है। इस प्रकार इस प्लेटफार्म के होने से दुकानदारों को सीधी तरह से यह फायदे होंगे।
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