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चंद्रबदनी मंदिर कहां है? | चंद्रबदनी कैसे जाएं?

चंद्रबदनी कैसे जाएं? | चंद्रबदनी मंदिर कहां है?

चंद्रबदनी कहाँ स्थित है? । Chandrabadni mandir kha hai

चंद्रबदनी मंदिर टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है और राष्ट्रीय राजमार्ग 07 पर स्थित देवप्रयाग शहर से 33 किमी की दूरी पर स्थित है, देवप्रयाग शहर उत्तराखंड के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। चन्द्रबदनी मंदिर तक पहुँचने के लिए रोडवेज सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि सड़कें अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं और परिवहन के काफी साधन उपलब्ध है।

चंद्रबदनी मंदिर कहां है? | चंद्रबदनी कैसे जाएं?
चंद्रबदनी मंदिर कहां है? | चंद्रबदनी कैसे जाएं?

देवप्रयाग में भी रहने और खाने की उचित ब्यवस्था है। यहाँ पर गंगा नदी का संगम भी स्थित है। भागीरथी और अलकनंदा नदी मिलकर यहाँ पर गंगा नदी का निर्माण करती हैं।

चंद्रबदनी मंदिर पूरे साल खुला रहता है आप साल के किसी भी समय आ सकते है। चंद्रबदनी मंदिर एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है, इसीलिए मानसून के मौसम में यहाँ आने से बचना चाहिए। यदि आप विशेषतौर पर मंदिर में होने वाले समारोहों और मेलो में भाग लेना चाहते है तो आप नवरात्री, और अप्रैल में आयोजित होने वाले मेले के दौरान यहाँ आ सकते है।

चंद्रबदनी मंदिर की कथा?

चंद्रबदनी मंदिर भारत में स्थापित 51 शक्तिपीठो में से एक है। जब राजा दक्ष ने भगवान शिव को अपमानित करने के लिए यज्ञ में आमंत्रित नही किया था। लेकिन उसके बाबजूद भी देवी सती यज्ञ में सम्मलित होने के लिए चली गयी थी। जहाँ शिव जी का अपमान किया गया जिसे वह सहन नही कर सकी और उसी अग्नि कुंड में कूदकर अपनी जान दे दी।

शिव को समझाने में असमर्थ, विष्णु जी ने आखिरकार अपना चक्र भेजा और सती के जले हुए शरीर को नष्ट कर दिया था। जिससे देवी सती के शरीर के टुकड़े अलग अलग स्थानों पर जा कर गिरे थे और बाद में उन गिरे हुए स्थानों पर शक्ति पीठो का निर्माण किया गया था। ठीक उसी प्रकार आज जिस स्थान पर चंद्रबदनी मंदिर स्थापित है उस स्थान पर देवी सती शरीर का धड़ गिरा था। चंद्रकूट पर्वत पर सती का बदन (शरीर) गिरा, इसलिए यहां का नाम “चंद्रबदनी” पड़ा।

उसके बाद जब भगवान शिव उनके जले हुए शरीर को ले जा रहे थे तो इस स्थान पर देवी सती का धड़ यहाँ गिर गया था जिसके बाद इस स्थान पर इस शक्ति पीठ का निर्माण किया गया था। आज भी इस मंदिर परिसर में सदियों पुरानी मूर्तियों के साथ विभिन्न धातुओं से बने त्रिशूल देखे जा सकते हैं।

चंद्रबदनी का तापमान और ऊंचाई? । Chandrabadni temperature and altitude

चंद्रबदनी मन्दिर समुद्र तल से 7470 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गर्मियों के समय में चंद्रबदनी का तापमान 30 डिग्री तक चले जाता है वहीं सर्दियों में यह 10 डिग्री तक रहता है।

चंद्रबदनी कैसे जाएं? । how to reach Chandrabadni

सड़क मार्ग से चंद्रबदनी कैसे पहुंचें? (By Road) –

चंद्रबदनी″ – सबसे पहले आपको ऋषिकेश या देहरादून आना होगा। ऋषिकेश से चंद्रबदनी की दूरी 106 किलोमीटर है। जिसमें कि आपको लगभग 03 घंटा 30 मिनट का समय लग जाता है और देहरादून से चंद्रबदनी की दूरी 143 किलोमीटर है। जिसमें कि आपको लगभग 04 घंटा 30 मिनट का समय लग जाता है।

ट्रेन मार्ग से चंद्रबदनी कैसे पहुंचें? ( By Train ) –

चंद्रबदनी का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और हरिद्वार में स्थित है। ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच की दूरी मात्र 20 किलोमीटर है। आप दोनों जगहों में से कहीं भी जा सकते हैं। यहां पहुँचने के बाद टैक्सी या प्राइवेट कार से आप चंद्रबदनी पहुँच सकते हैं।

हवाई मार्ग से चंद्रबदनी कैसे पहुंचें? ( By Air ) –

चंद्रबदनी का नजदीकी जोलीग्रान्ट देहरादून है। जोलीग्रान्ट देहरादून से चंद्रबदनी की दूरी 120 किलोमीटर है।

चंद्रबदनी मंदिर के आसपास घूमने की जगहें?

  • टिहरी डेम
  • शीतला माता मंदिर
  • काली मंदिर
  • रघुनाथ जी मंदिर

ऋषिकेश से चंद्रबदनी की दूरी कितनी है?

ऋषिकेश से चंद्रबदनी की दूरी 106 किलोमीटर है।

हरिद्वार से चंद्रबदनी की दूरी कितनी है?

ऋषिकेश से चंद्रबदनी की दूरी 128 किलोमीटर है।

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