उत्तराखंड एक सूक्ष्म परिचय – उत्तराखंड, नेपाल के पश्चिम में स्थित भारत का एक सुंदर ही पहाड़ी राज्य है जिसे हिमालय का केंद्र माना जाता है। उत्तराखंड का नाम सुनते ही सबके मन में चर धाम का जिक्र जरूर आता होगा। चारों धाम यहाँ पर स्थित हैं जिन्हें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के नाम से जाना जाता है।
उत्तराखंड को यहाँ की पवित्र भूमि और देव इतिहास की वजह से इसे देवभूमि कहा जाता है। यहाँ हिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थ स्थान, पवित्र नदियां, मंदिर हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड यहाँ की शानदार पहाड़ियों, बुग्यालों, तालों, और ट्रेकिंग के स्थानों के लिए पर्यटकों के बीच हमेशा से चर्चित रहा है।

यहाँ सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक गंगोत्री ग्लेशियर भी है जो पवित्र गंगा नदी का स्रोत है। यह राज्य भारत के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत – नंदा देवी का भी घर है, जो 25,643 फीट लंबा है। इसके अतिरिक्त यहाँ काफी सारे अन्य ग्लेशियर जैसे सतोपंत, खतलिंग, यमुनोत्री आदि भी हैं। इतना सब जानकार यह कहने की जरूरत नहीं है कि उत्तराखंड में ट्रेकिंग के स्थानों की भरमार है। तो आइए उत्तराखंड में 10 सर्वश्रेष्ठ ट्रेक के बारे में जानते हैं।
दोस्तों, आज में आपको इस लेख में उत्तराखंड के जो प्रमुख ट्रेकिंग प्लेस हैं उनके बारे में बताने जा रहा हूँ तो चलिए शुरू करते हैं।
1. जनक ताल ट्रेक | Janaktal Trek
जनक ताल ट्रेक उत्तरकाशी जिले में पड़ता है। हरसिल के नेलांग वैली में पड़ने वाले इस खूबसूरत ट्रेक को वर्ष 2022 में सभी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इससे पहले लोगों का इस क्षेत्र में जाने पर पाबन्दी थी। लेकिन अब जिला प्रशासन से अनुमति लेकर यह ट्रेक किया जा सकता है।

2. गुलाबी कांठा ट्रेक | Gulabi Kantha Trek
उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र में पड़ने वाले गुलाबी कांठा ट्रेक की खाशियत यह है कि यहाँ शाम के समय रौशनी से आसमान गुलाबी सा दिखाई देता है। और जब ये रौशनी हिमालय की बन्दरपूँछ चोटियों पर पड़ती है तो वह नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई पड़ता है।

3. कालिंदी खाल ट्रेक | Kalindi Khal trek
कालिंदी खल पास ट्रेक गढ़वाल हिमालय में सबसे कठिन ट्रेक है। इस ट्रेक में ट्रेकर्स से लगभग 100 किमी की दूरी तय करने की उम्मीद की जाएगी। इस उबड़-खाबड़ रास्ते का रास्ता गंगोत्री और बद्रीनाथ के तीर्थ स्थलों को जोड़ता है। ट्रेक की दूरी से समझ ही गए होंगे कालिंदी खाल ट्रेक निश्चित रूप से कठिन है।

लगभग 19500 फ़ीट से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित यह ट्रेक सबसे कठिन ट्रेक माना जाता है। ट्रेक को पूरा करने में लगभग 15 दिन लग सकते हैं। कालिंदी खाल ट्रेक को पूरा करने का सबसे अच्छा समय जून और सितम्बर का महीना है।
साथ ही इस ट्रेक को पूरा करने के लिए कुछ बुनियादी पर्वतारोहण कौशल की आवश्यकता होती है, यह ट्रेक केवल अनुभवी ट्रेकर्स के लिए ही है। शिवलिंग, मेरु, केदार डोम, नीलकांत, हिमस्खलन पीक, कामेट, माना आदि जैसे कुछ सबसे प्रमुख हिमालयी चोटियों के शानदार दृश्यों को उजागर करते हुए यह पौराणिक ट्रेक आपको ऊबड़-खाबड़ हिमनदों, दलदली बर्फ के मैदानों, चट्टानी मोराइनों से होते हुए ले जाता है।
4. सरूताल ट्रेक | Sarutal trek
सरुताल, समुद्र तल से लगभग 13800 फिट की ऊंचाई पर उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र में स्थित 38 किलोमीटर का एक पैदल ट्रेक है। सरुताल ट्रेक का मार्ग घने चीड़, देवदार वृक्ष के जंगलों से होता हुआ जाता है।
यह ट्रेक इतनी ऊंचाई तक जाता है जहां चारों तरफ न ही कोई पेड़ पौधे और न ही किसी जीव-जंतु की उपस्थिति दिखती है, यहां बर्फ के मौसम में मात्र बर्फ ही दिखती है। सरुताल को मां रेणुका/सरस्वती का पावन स्थल माना जाता है। सरुताल प्राकृतिक जल का एक ताल है।

अधिक ऊंचाई पर होने के कारण यहां लगभग हर महीने बर्फ रहती है। सरूताल ट्रेक करने का सही समय मई-जून का महीना और बरसात के बाद से अक्टूबर तक का है। अगस्त के महीने में सरूताल के पास एक स्थानीय मेला होता है। सरूताल ट्रेक से हिमालय की बन्दरपूँछ, यमुनोत्री और गंगोत्री चोटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
5. फूलों की घाटी ट्रेक | Flowers Valley trek
फूलों की घाटी का ट्रेक, एक UNESCO विरासत स्थल है। यह ट्रेक शायद पूरे उत्तराखंड में सबसे आसान ट्रेक है और ट्रेकर्स स्थानीय ट्रेकिंग एजेंसियों की मदद के बिना इस मार्ग पर ट्रेक करने का प्रयास कर सकते हैं। 2 -3 दिन का यह ट्रेक वाइल्डफ्लावर के अद्भुत नजारों की वजह से ट्रेकर्स को आकर्षित करता है। यहीं से आप हेमकुंड साहिब भी जा सकते हैं।

इस ट्रेक के दौरान ट्रेकर्स को पर्याप्त बारिश की उम्मीद करनी चाहिए और उसी के अनुसार तैयारी करनी चाहिए। 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब तक भी जा सकते हैं। आसान ट्रेक होने की वजह से निराश न हों, जंगली फूलों की खूबसूरती और सुगंध सभी कठिनाइयों को दूर कर देगी। ध्यान रहे काफी जंगली फूल जहरीले भी हो सकते हैं। इस ट्रेक को पूरा करने का सबसे अच्छा समय मानसून का है।
6. हर की दून ट्रेक | Har Ki Dun trek
हरकी दून ट्रेक हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित सबसे आसान ट्रेक में से एक है। लगभग 11500 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित यह ट्रेक उत्तरकाशी क्षेत्र में है। हरकी दून ट्रेक को पूरा करने में लगभग 7 दिन लग सकते हैं। इस ट्रेक को पूरा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितम्बर से दिसंबर तक का है।
हर की दून ट्रेक के दौरान, ट्रेकर्स को खूबसूरत टोंस नदी घाटी देखने को मिलती है, जो ऊंचे इलाकों और घने जंगलों से घिरी हुई है। मानसून से पहले बसंत के महीने पक्षी देखने वालों के लिए यह स्थान सबसे आदर्श है।
इसके साथ ही मानसून के बाद के मौसम में वनस्पति प्रेमियों के लिए भी ये स्थान किसी सपने से कम नहीं क्योंकि इस दौरान यहाँ नए पौधे और फूल खिलते हैं। दिसंबर और अप्रैल के महीनों में ट्रेक पर काफी बर्फ होती है, जो इस ट्रेक को बर्फ प्रेमियों के लिए एकदम सही बनाती है।
7. सतोपंथ झील ट्रेक | Satopanth Lake trek
लगभग 14600 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित सतोपंत ट्रेक उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। इस ट्रेक को पूरा करने में लगभग 8 दिन लग सकते हैं। मध्यम लेवल के सतोपंत ट्रेक को पूरा करने का सबसे अच्छा समय जून, सितंबर और अक्टूबर का महीना है।

सतोपंथ झील का ट्रेक आपको सतोपंथ ताल तक ले जाएगा। यह ट्रेक और ताल प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम से आगे है जो एक अद्भुत हिमनद झील है। इस ट्रेक की सुंदरता नीलकंठ, सतोपंथ (23,206 फीट), चौखंबा और बालकुन जैसी बर्फ से ढकी पहाड़ियों से बढ़ जाती है।
क्रिस्टल-क्लियर ग्लेशियल झील पर इन अद्भुत पहाड़ों के प्रतिबिंब वास्तव में देखने लायक हैं। यही वजह है कि दूर दूर से ट्रेकर्स इस ट्रेक को पूरा करने आते हैं। माना जाता है कि त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने सतोपंथ झील के तीन कोनों पर ध्यान लगाया था। सतोपंथ झील की यात्रा एक आध्यात्मिक यात्रा भी है। यह अलग-थलग ट्रेक उन लोगों के लिए जरूरी है जो चुनौतियों से प्यार करते हैं और साथ ही साथ शांत प्रकृति से भी।
8. रूपिन पास ट्रेक | Rupin Pass trek |
रूपिन पास ट्रेक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित एक सुन्दर ट्रेक है जो समुद्र तल से लगभग 15,300 फ़ीट की ऊंचाई पर हिमालय क्षेत्र में है। रूपिन पास ट्रेक को पूरा करने में लगभग 7-8 दिन का समय लग जाता है। मध्यम स्तर के इस ट्रेक को पूरा करने का सबसे अच्छा समय मई-जून के गर्मियों के महीनों और सितंबर-अक्टूबर मानसून के बाद के महीनों के दौरान है।

ऊंचे झरने, पड़ोसी चोटियों के भ्रमपूर्ण दृश्य, और विदेशी फूलों से लदी चरागाह इस बात के सबूत हैं कि रूपिन पास ट्रेक एक अविस्मरणीय ट्रेक है। ट्रेक धौला की छोटी बस्ती से शुरू होता है और 7 दिनों के दौरान, ट्रेकर्स को रूपिन दर्रे तक पहुंचने के लिए लगभग 10,000 फीट की चढ़ाई करनी पड़ती है। इस प्रकार उत्तराखंड में शुरू होने वाला यह ट्रेक हिमाचल में ख़त्म होता है। रास्ते में, कई खूबसूरत गाँव जैसे “जाखा” हैं जो एक खूबसूरत और आदर्श विश्राम स्थल के रूप में काम करते हैं।
9. केदारताल ट्रेक | Kedar Tal trek
केदारताल समुद्र ताल से लगभग 16,000 फीट की ऊंचाई पर गढ़वाल क्षेत्र के हिमालय में बसा एक सुन्दर पहाड़ी ट्रेक है। केदारताल ट्रेक को पूरा करने में लगभग 7-8 दिन का समय लग सकता है। केदारताल ट्रेक को करने का सबसे अच्छा समय मई-जून और सितंबर-अक्टूबर के महीनों के दौरान है।

बर्फ से ढकी चोटियों और परिदृश्य के बीच, खोजकर्ता कई पहाड़ी वन्यजीव प्रजातियों जैसे कि ब्लू शीप, गोरल और केदारताल ट्रेक पर प्रसिद्ध हिमालयन ब्लैक बियर के दर्शन भी कर सकते हैं। गढ़वाल हिमालय के गंगोत्री क्षेत्र में स्थित केदारताल, पहाड़ प्रेमियों के लिए एक आदर्श ट्रेक है क्योंकि यह महान हिमालय पर्वतमाला जैसे कि जोगिन चोटियों, भिरगुपंथ शिखर और थलयासागर चोटी के सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करता है।
10. केदारकांठा ट्रेक | Kedarkantha trek
समुद्र तल से लगभग 12500 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा, गोविन्द पशु विहार नेशनल पार्क के अंतर्गत गढ़वाल हिमालय उत्तरकाशी, उत्तराखंड क्षेत्र में स्थित है। जौनसार-बावर क्षेत्र के सांकरी गाँव से केदारकांठा ट्रेक की शुरुआत होती है। केदारकांठा शिखर पर चारों तरफ बर्फ से लदी पहाड़ियों का नजारा और पहाड़ियों तक पहुँचने वाले खूबसूरत रास्ते पर्यटकों को दूर-दूर से केदारकांठा आने के लिए आकर्षित करते हैं।

केदारकांठा की सबसे पसंदीदा बात यहाँ पहुँचने वाला रास्ता और शिखर से दिखने वाला नजारा है। इसके साथ ही केदारकांठा शिखर से सूरज उदय और सूरज डूबने का नजारा बहुत अद्भुत है जिसे देखने के लिए पर्यटक, सुबह और शाम को यहां पहुँचते हैं। केदारकांठा शिखर से हिमालय की 13 चोटियों का नजारा मिलता है।
केदारकांठा ट्रेक को पूरा करने में लगभग 3-4 दिन का समय लगता है। यह एक विंटर ट्रेक है इसलिए केदारकांठा ट्रेक करने का सबसे अच्छा समय दिसंबर से अप्रैल का है।
केवल 3-4 दिनों में 18 किमी से अधिक की दूरी तय करने, 6000 फीट से अधिक की ऊंचाई हासिल करने का विचार कठोर लग सकता है, लेकिन केदारकांठा शिखर से में विभिन्न प्रसिद्ध पर्वत चोटियों के आश्चर्यजनक 360 डिग्री नज़ारे निश्चित रूप से इसके लायक हैं। उत्तराखंड के सांकरी गांव से शुरू करें और केदारकांठा चोटी पर पहुंचते-पहुंचते आपको ऐसा लगेगा जैसे आपने आसमान को छू लिया हो।